Friday, January 15, 2010

मेरे प्रिय मित्रों;
वंदन।
आप सभी के स्नेह को पाने की आकान्षा में , में आपना ब्लॉग शुरू कर रहा हूँ।
आपने ब्लॉग में, अपने कविता संग्रह " जीना सभी के साथ " को प्रस्तुत करूँगा।
स्नेहाधीन
आपका अपना
शैलेन्द्र
१५.०१.2010

2 comments:

Jayram Viplav said...

कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो
ये धन के पुजारी
वतन बेंच देगें।
हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ , साथ हीं जनोक्ति द्वारा संचालित एग्रीगेटर " ब्लॉग समाचार " से भी अपने ब्लॉग को अवश्य जोड़ें .

संगीता पुरी said...

इस नए चिट्ठे के साथ आपको हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!